भारत की इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत सुरेश रैना का मजेदार कमेंट

subhman-gill-and-shresh-aiyar-in-england-india-match

भारत ने इंग्लैंड को तीसरे वनडे मैच में 142 रनो से हरा दिया। इसी के साथ टीम ने वनडे सीरीज पर 3-0 से कब्ज़ा जमाया । अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बुधवार को इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग करने का का निर्णय लिया। भारत ने 50 ओवर में 356 रन बनाए। भारत के लिए शुभमन गिल ने 109.80 के स्ट्राइक रेट के साथ 102 गेंदों में 112 रन बनाये। श्रेयस अय्यर ने 78, विराट कोहली ने 52 और केएल राहुल ने 40 रन बनाए। इंग्लैंड की तरफ से आदिल रशीद ने 4 विकेट लिए । जिसके जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम केवल 34.2 ओवर में 214 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारत की तरफ से हर्षित राणा, हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल और अर्शदीप सिंह को 2-2 विकेट मिले। भारत की इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत और सुरेश रैना का मजेदार कमेंट यह भारत की इंग्लैंड पर एक ऐतिहासिक जीत थी और टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। जब भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा था, केएल राहुल 47वें ओवर में बल्लेबाजी कर रहे थे। भारत को उस समय तेजी से रन बनाने की जरूरत थी। जब केएल राहुल बल्लेबाजी कर रहे थे, कमेंट्री कर रहे सुरेश रैना ने एक मजेदार कमेंट किया। उन्होंने कहा कि “इस समय चौकों छक्कों की जरुरत है वैसे भी वैलेंटाइन वीक चल रहा है और सिंगल अच्छे नहीं लगते।” यह सुनकर सभी कमेंटेटर जोर-जोर से हंसने लगे। रैना का यह कमेंट सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ और लोगों ने इसे खूब पसंद किया। निष्कर्ष भारत की यह जीत एक यादगार जीत थी और यह टीम के मनोबल को बढ़ाने वाली है। इस सीरीज में भारत ने अपने विकल्पों को अच्छे से आजमा लिया है और ये दिखाया है कि वो अब चैंपियन ट्रॉफी के लिए तयैर है हालाँकि जसप्रीत बुमरा के बिना भारत की बॉलिंग यूनिट कैसे परफॉर्म करेगी ये तो बक्त ही बताएगा क्यूंकि मोहम्मद शामी उस लय में नज़र नहीं आये हैं और हर्षित राणा नई गेंद से अधिक प्रभावी नज़र नहीं आये है उन्होंने जो भी विकेट लिए हैं वो पुरानी गेंद के साथ अपने दूसरे स्पेल में लिए हैं। भारत ने तेज गेंदवाजी में भी अधिक विकल्प नहीं रखे हैं। चैंपियन ट्राफी के लिए भारत की टीम रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, के एल राहुल, ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, हर्षित राणा, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती चैंपियन ट्राफी के लिए भारत के रिज़र्व खिलाडी यशस्वी जैस्वाल, मोहम्मद सिराज और शिवम् दुबे

सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे भारतीय सलामी बल्लेबाज बने रोहित, छक्के के मामले में गेल को पछाड़ा

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा कटक में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे वनडे मुकाबले में शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित कटक में अलग ही रंग में नजर आए और उन्होंने लंबे समय बाद अर्धशतक लगाया। रोहित ने पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अर्धशतकीय पारी खेली थी, इसके बाद उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, लेकिन दूसरे वनडे में रोहित ने ताबड़तोड़ पारी खेली और खास उपलब्धि अपने नाम कर ली।  भारतीयों में सिर्फ रोहित से सहवाग आगे  रोहित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा। रोहित यह उपलब्धि हासिल करने से 50 रन ही दूर थे और उन्होंने जैसे ही अर्धशतक पूरा किया, वह सचिन को पीछे छोड़ने में सफल रहे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ओपनर के तौर पर सर्वाधिक रन बनाने भारतीय बल्लेबाजों की सूची में सचिन 346 मैचों में 15335 रन बनाकर तीसरे स्थान पर आ गए हैं, जबकि रोहित दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। इस सूची में पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग शीर्ष पर हैं, जिन्होंने ओपनर के तौर पर 321 मैचों में 41.90 के औसत से 15758 रन बनाए हैं। ओवरऑल सातवें स्थान पर हैं रोहित  अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ओपनर के तौर पर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में रोहित फिलहाल सातवें स्थान पर चल रहे हैं। सनथ जयसूर्या इस सूची में शीर्ष पर हैं, जबकि इसके बाद क्रिस गेल, डेविड वॉर्नर, ग्रीम स्मिथ, देसमोंड हेन्स और सहवाग का नंबर आता है। रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ 30 गेंदों पर अर्धशतक लगाया जो उनका वनडे में चौथा सबसे तेज पचासा है। रोहित ने 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ 27 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था, जो उनका इस प्रारूप में सबसे तेज पचासा था।

महिला U19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर कई लड़कियों ने खटखटाया भारत की सीनियर टीम का दरवाजा

u-19-spinners

भारत की अंडर 19 की लड़कियाँ विजय रथ पर सवार हैं इन्होने लगातार दूसरी बार विश्व विजेता का ताज अपने नाम किया। आज खेले गए मुकाबले में वैसे तो वो जीत की प्रवल दावेदार थी परन्तु आज इस फाइनल मुकाबले को उन्होंने अपने प्रदर्शन से विपक्षी टीम को गली मोहल्ले की टीम की तरह पराजित कर दिया। इस पुरे टूर्नामेंट में भारतीय शेरनियाँ अपराजित रहीं और इंग्लैंड को छोड़कर किसी टीम को 100 रन तक नहीं बनाने दिए। इस टीम ने बताया के बेसक महिला सीनियर टीमों में इस समय ऑस्ट्रेलिया का दबदबा हो परन्तु वो दिन दूर नहीं जब भारत पूरी तरह से वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करेगा। दक्षिण अफ़्रीकी टीम किसी भी समय भारतीय टीम को चुनौती देती नहीं दिखी और ये मुकाबला भारतीय टीम ने 9 विकटों से अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट में भारत की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुरे टूर्नामेंट में केवल एक इंग्लैंड की टीम ही थी जो भारत के सामने 100 रन का आंकड़ा पार कर पाई। ये मैच सेमी फाइनल था परन्तु ये मैच भी भारत ने 9 विकेट से जीत लिया। भारत की 3 स्पिनरों ने मिलकर पुरे टूर्नामेंट में 41 विकेट लिए इसमें भारत की ओपनर गोंगडी त्रिशा के 7 विकेट भी मिला लिए जाएं तो भारतीय स्पिनरों ने कुल 48 विकेट लिए हैं। जिसमे वैस्नवी शर्मा के 17 विकेट, आयुषी शुक्ला के 14 विकेट, परुनिका सिसोदिया के 10 विकेट और गोंगडी त्रिशा के 7 विकेट शामिल है। आज के मैच में आयुषी शुक्ला और परुनिका सिसोदिया ने तो दक्षिणी अफ़्रीकी टीम को रनो के लिए तरसा दिया। आज के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की जीत का केवल एक तरीका था दक्षिण अफ्रीका के पास जीत का केवल एक रास्ता था। वो पहले बल्लेबाजी करती, स्कोरबोर्ड पर अच्छे रन लगाती और फिर भारतीय ओपनर को जल्दी आउट करती क्यूंकि पुरे टूनामेंट में भारतीय ओपनर ने मध्यक्रम तक बात पहुँचने ही नहीं दी। इसी कड़ी में टॉस दक्षिणी अफ्रीका ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और उनका ये फैंसला सफल होता हुआ दिखा जब दक्षिणी अफ़्रीका की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली जेम्मा बोथा ने पहले ही ओवर में अपने तेवर दिखते हुए 2 चौके जड़ दिए। लेकिन दूसरे ओवर में भारतीय कप्तान निकी प्रसाद अपनी स्पिनर परुनिका को लेकर आई और उन्होंने सिमोन लॉरेंस को पवेलियन भेज दिया। उसके अगले ओवर में जैसे ही सबनम ने जेम्मा बोथा को विकेट के पीछे कैच करवाया उसके बाद तो भारतीय स्पिनरों ने दक्षिण अफ़्रीकी टीम को एक एक के लिए तरसा दिया। दक्षिणी अफ्रीका की पूरी टीम 20 ओवर में 82 रन पर आल आउट हो गई। यहाँ पर भारतीय कप्तान निकी प्रसाद की भी तारीफ करनी होगी क्यूंकि उन्होंने देख लिया था कि टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज वैस्नवी शर्मा आज उस लय से गेंदबाजी नहीं कर पा रही थी तो उन्होंने पहले बाकि गेंदबाजों के ओवर करवाए और बाद में उनको गेंदबाजी दी जिस से वो भी 2 विकेट लेने में सफल रही। गोंगडी त्रिशा ने रनो के लिहाज से इस टूर्नामेंट में एक न्या कीर्तिमान स्थापित किया त्रिशा ने आज 33 गेंदों में 44 रन बनाकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत ने 83 रनो का लक्ष्य 11.2 ओवर में 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया। त्रिशा ने 7 मैचों में 77.25 की औसत से एक शतक के साथ 309 रन बनाये और वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इन्होने अपने प्रदर्शन से मध्य क्रम पर कभी दबाब आने ही नहीं दिया। इन्होने 309 रन बनाने के अलावा 7 विकेट भी लिए हैं। आज के मैच में भी इन्होने 15 रन देकर 3 विकेट लिए। ये महत्वपूर्ण मौकों पर बहुत शांत और स्थिर नज़र आई हैं और इस वजह से इन्होने भारत की सीनियर टीम का दरबाजा खटखटाया है।

कन्कशन सब्स्टिटूट concussion substitute के नियम ने बचाई भारत की लाज

harshid-rana

भारत ने पुणे में खेला गया चौथा t-20 मैच 15 रनो से जीतकर 5 मैचों की श्रृंखला में अजेय बढ़त बना ली है। अजेय बढ़त का मतलब अब पांचवे t-20 का रिजल्ट कुछ भी आये भारत ये श्रृंखला हार नहीं सकता। भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव ने टॉस जीता और बड़ी मुस्कान के साथ पहले बल्लेबाजी का फैंसला किया। परन्तु इस मुस्कान को मायूसी में बदलते देर नहीं लगी जब श्रृंखला में पहली बार खेल रहे शाकिब महमूद ने पारी के दूसरे और अपने पहले ओवर में ही बिना कोई रन दिए 3 खिलाडियों को पवेलियन वापस भेज दिया। संजू सेमसन अपने चिर परिचित अंदाज में आउट हुए, तिलक वर्मा अपनी पहली गेंद को उड़ाने के चक्कर में थर्ड मैन पर जोफरा आर्चर के हाथों पकडे गए और ओवर की आखिरी गेंद पर सूर्य कुमार यादव इंग्लिश कप्तान जोश बटलर द्वारा t-20 की सबसे आक्रामक फील्डिंग का शिकार बने। रिंकू सिंह और अभिषेक शर्मा ने भारतीय पारी को संभाला रिंकू सिंह और अभिषेक शर्मा ने पारी को संभाला। अभिषेक शर्मा इस श्रृंखला में अच्छे दिखे हैं और रिंकू सिंह ने भी अपने अंदाज में कुछ अच्छे शाट खेले और भारतीय पारी को 50 के पर पहुँचाया। परन्तु विराट कोहली को क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में सबसे ज्यादा तंग करने वाले आदिल रशीद ने आठवें ओवर की दूसरी गेंद पर अभिषेक शर्मा को आउट कर इस सांझेदारी को तोड़ दिया उस समय टीम का स्कोर 57 रन था और भारत का 57/4 हो गया। उनकी जगह बल्लेबाजी करने आये शिवम् दुबे को भी आदिल रशीद ने अपने जाल में फंसा ही लिया था परन्तु पहली स्लिप में खड़े जोश बटलर ने अपने से दूर जाता हुआ एक मुश्किल कैच छोड़ दिया नहीं तो स्कोर उसी समय 57/5 हो जाता। उसी ओवर की आखिरी गेंद पर शिवम् दुबे ने अपने तेवर दिखाते हुए एक लम्बा छक्का लगा कर अपने तेवर जाहिर कर दिए। हार्दिक पांड्या और शिवम् दुबे ने की ताबड़ तोड़ बल्लेबाजी 73 रन के कुल योग पर रिंकू सिंह भी थर्ड मैन के हाथो पकडे गए उनका विकेट ब्रिडोंन कार्स (Brydon Carse) ने लिया। उसके बाद खेलने उतरे हार्दिक पांडया और यहाँ से लोगों ने भारतीय टीम का वही चिर परिचित अंदाज देखा जिसके लिए इस समय टीम इंडिया t-20 में मशहूर है। लेकिन ये बल्लेबाजी आँखे बंद कर के की गई बल्लेबाजी नहीं थी बल्कि ये मुश्किल समय में की गई सेंसिबल बल्लेबाजी थी जिसमे भारत की विश्व विजेता टीम में शामिल इन दोनों बल्लेबाजो, शिवम् दुबे और हार्दिक पांडया ने अंग्रेजो को विकेट के दोनों और भगाकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की याद दिला दी इन दोनों ने 44 गेंदों में 87 रन की सांझेदारी करके भारत की उमीदों को जागृत रखा। इस प्रकार भारत ने 20दूसरी ओवरों में 9 विकेट के नुक्सान पर 181 रन बनाये। इंग्लैंड की ताबड़ तोड़ शुरुआत भारत की उमीदे उस समय टूटती हुई दिखाई दी जब अंग्रेजो ने ताबड़ तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अंग्रेजी शासन की यादे फिर से ताज़ा कर दी। शृंखला में अभी तक असफल रहे फिल साल्ट ने अर्शदीप के पहले ही ओवर में 2 चौके जड़ दिया। तो पिछले मैच में अर्धशतक लगाने वाले बेन डकेट ने अर्शदीप के तीसरे ओवर में लगातार 3 चौके जड़ दिए। भारत का केवल एक फ़ास्ट बॉलर खिलाने का निर्णय गलत साबित हो रहा था क्यूंकि बेन डकेट ने अक्षर पटेल को लगातार गेंदों पर चौका और छक्का मारते हुए टीम का स्कोर 4.5 ओवर में ही 53 कर दिया और अभी इंग्लैंड के 10 के 10 विकेट बचे हुए थे ऐसे लग रहा था जिस तरह से 1857 तक अंग्रेजो की केवल एक कंपनी, ईस्ट इंडिया कंपनी भारत पर शासन कर रही थी उसी प्रकार ये दोनों ही इंग्लैंड को मैच जीता कर निकल जायेंगे। परन्तु तभी पहले दो मैचों में बिना विकेट के रहने वाले रवि विश्नोई ने बेन डकेट को एक्स्ट्रा कवर पर सूर्य कुमार यादव के हाथों कैच करवा कर इस सांझेदारी को तोड़ दिया। और अगले ओवर में बापू नाम से मशहूर अक्षर पटेल ने आर्म बॉल डालते हुए फिल साल्ट की गिल्लियां बिखेर दी। अंग्रेजो को वैसे भी बापू नाम से बड़ी परेशानी रही है। उसके अगले ही ओवर में सामने आता है एक नया चेहरा, भारतीय प्रसंशको के लिए नया नहीं परन्तु क्यूंकि अभी t-20 में इस चेहरे ने डेब्यू नहीं किया था इसलिए नया था। ये चेहरा मैदान पर तब दिखा जब जोश बटलर रवि विश्नोई की गेंद पर शार्ट थर्ड पर खड़े हर्षिद राणा के हाथों पकडे गए थे। अभी तक भारतीय प्रसंशक ये सोच रहे थे कि वो किसी की रिप्लेसमेंट के तहत फील्डिंग करने आये थे परन्तु वो आये थे शिवम् दुबे की जगह कन्कशन सब्स्टिटूट (concussion substitute) के रूप में। क्या कहता है कन्कशन सब्स्टिटूट (concussion substitute) का नियम जब भारतीय पारी का आखिरी ओवर कर रहे जैमी ओवरटन की गेंद शिवम् दुबे के सर पर लग जाती है तो नियम के अनुसार वो शिवम् दुबे रेस्ट कर सकते थे और भारतीय टीम उनकी जगह उनकी तरह का खिलाडी रिप्लेसमेंट के रूप में ले सकती थी। इस नियम के अनुसार अगर किसी खिलाडी के सर पर गेंद लग जाती है तो खिलाडी रेस्ट कर सकता है और टीम उसकी जगह उसी तरह के किसी दूसरे खिलाडी को मैदान पर उतार सकती है परन्तु ये रेप्लेस्मेंट लाइक टू लाइक होनी चाहिए। अर्थात उस खिलाडी में जितना सामर्थ्य होगा नए खिलाडी में भी उतना ही सामर्थ्य होना चाहिए। इस नियम को 1 जुलाई, 2019 से लागू किया गया था। कन्कशन सब्स्टिटूट (concussion substitute) का फायदा भारतीय टीम को मिला इस कन्कशन सब्स्टिटूट (concussion substitute) के नियम का फायदा भारतीय टीम को मिला क्यूंकि ये सब लोग जानते हैं कि शिवम् दुबे अपनी गेंद से क्या ही कमाल दिखा सकते थे। वो वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा थे और उन्होंने पुरे वर्ल्ड कप में कितनी बॉलिंग की थी ये सब जानते हैं। लेकिन मैच रेफ़री की अनुमति से ही कन्कशन सब्स्टिटूट को मैदान में उतारा जाता है और अगर किसी टीम में कोई लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं होती है तो ये मैच रेफ़री का निर्णय होता है कि