कमेंट्री, किसी भी खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। टेलीविज़न पर अगर कमेंट्री न हो रही हो तो शायद कोई टीवी पर मैच देखना पसंद नहीं करेगा। कमेंट्री खेल के दौरान दर्शकों तक उस खेल की जानकारी और खेल में क्या हो रहा है इस जानकारी को पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम होती है।

एक अच्छी कमेंट्री दर्शकों को खेल के हर पहलू से जोड़ती है और उन्हें दिल को छू जाने बाले रोमांच का अनुभव कराती है। दर्शकों को खेल के साथ साथ, उस खेल के दौरान कमेंट्री से बोले गए शब्द भी अच्छी तरह से याद रहते हैं।

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पर क्या आप कमेंट्री के बारे में सब कुछ जानते हैं जैसे ये स्टेडियम में कहाँ से की जाती है। कमेंट्री में करियर बनाने के लिए कौन सा विषय चुनना होता है और कमेंटेटर को क्या क्या सुबिधायें मिलती है। तो चलिए इन सब चीज़ों के बारे में जानते हैं।

स्टेडियम में कमेंट्री कहाँ से की जाती है

कमेंट्री करने के लिए एक विशेष स्थान होता है जिसे कमेंट्री बॉक्स या कमेंट्री बूथ कहा जाता है। अधिकतर कमेंट्री वाला स्थान, स्टेडियम में एक ऊँचाई वाली जगह पर स्थित होता है ताकि कमेंटेटर को मैदान का स्पष्ट दृश्य मिल सके।

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कमेंट्री बॉक्स में आमतौर पर दो या तीन कमेंटेटर होते हैं जो अपने तरीके से खेल का विश्लेषण करते हैं और दर्शकों को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाते हैं।

कमेंट्री बॉक्स के अंदर कॉमेंटेटर के लिए क्या क्या सुबिधा होती है

कमेंट्री बॉक्स में कमेंटेटर के लिए कई तरह की सुविधाएं होती हैं जैसे

माइक्रोफोन: कमेंटेटर के लिए माइक्रोफोन बहुत जरूरी है माइक्रोफोन के कारण ही टीवी देख रहे दर्शकों तक कमेंटेटर की साफ और स्पष्ट आवाज पहुँचती है।

हेडफोन: स्टेडियम में काफी शोर होता है इसलिए कमेंटेटर हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं ताकि वो बिना किसी असुबिधा के कमेंट्री पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

मॉनिटर: कमेंट्री बॉक्स में मॉनिटर लगे होते हैं जिन पर मैच चल रहा होता है ताकि कमेंटेटर खेल की लाइव फुटेज देख सकें और अपनी कमेंट्री को और बेहतर बना सकें।

इंटरनेट कनेक्शन: कमेंट्री के दौरान कई बार इंटरनेट की जरूरत पड़ती है, जैसे खिलाड़ियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए या फिर लाइव अपडेट्स देखने के लिए।

कमेंटेटर बनने के लिए कौन सी पढाई करना जरुरी है

वैसे तो जो खिलाड़ी होता है उसको उस खेल के बारे में इतनी जानकारी होती है कि वो बिना किसी डिग्री के भी कॉमेंटेटर बन जाता है परन्तु अगर कोई उस खेल का खिलाड़ी नहीं है तो उसे कौन सी पढाई करनी होगी आइये समझते हैं।

खेल पत्रकारिता में डिग्री: कमेंट्री में करियर बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है खेल पत्रकारिता में डिग्री हासिल करना है । कई विश्वविद्यालय और कॉलेज खेल पत्रकारिता में कोर्स कराते हैं। इन कोर्सों में खेल, खिलाड़ियों और कमेंट्री के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है ।

संचार कौशल (communication skill) में सुधार: एक अच्छा कमेंटेटर बनने के लिए आपके पास अच्छे संचार कौशल होने चाहिए। इसके लिए पब्लिक स्पीकिंग, डिबेटिंग और ड्रामा आदि में भाग लिया जा सकता है । इससे आवाज, भाषा और बोलने के तरीके को सुधारने में मदद मिलेगी।

खेलों का ज्ञान: कमेंट्री करने के लिए आपको खेलों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। इसलिए विभिन्न खेलों के नियम, खिलाड़ियों, और उनकी रणनीतियों के बारे में पता होना चाहिए। इसके लिए खेल पत्रिकाएँ पढ़ी जा सकती हैं, खेल चैनल देख सकते हैं और खिलाड़ियों के इंटरव्यू पढ़ सकते हैं।

कमेंट्री के लिए इंटरव्यू कहाँ देना होता है

इंटर्नशिप: कमेंट्री में करियर शुरू करने के लिए इंटर्नशिप करना बहुत ज़रूरी है। ये इंटर्नशिप किसी भी खेल चैनल, रेडियो स्टेशन या अखबार में की जा सकती है । इससे कमेंट्री के बारे में प्रैक्टिकल अनुभव मिलेगा और यह समझने में मदद मिलेगी कि यह काम कैसे होता है।

इंटर्नशिप आमतौर पर किसी भी कोर्स या डिग्री के अंतिम बर्ष में किसी कंपनी में होती है। और इस तरह से उस कोर्स में सीखी हुई चीज़ों का अनुभव किसी कंपनी में लिया जाता हैं।

ऑडिशन: कई खेल चैनल और रेडियो स्टेशन कमेंटेटर के लिए ऑडिशन लेते हैं। इन ऑडिशन में, ऑडिशन देने वाले को अपनी आवाज, भाषा और खेलों के ज्ञान का प्रदर्शन करना होता है। और अगर कोई इस ऑडिशन में सफल हो जाता है तो उसको कमेंट्री करने का मौका मिल सकता है।

पोर्टफोलियो: कमेंट्री में करियर बनाने के लिए पोर्टफोलियो भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इसमें अपने द्वारा बोली गई कमेंट्री के नमूने, अपनी बर्तमान उपलब्धियाँ और अपनी शिक्षा के बारे में पोर्टफोलियो बना सकते हैं और इसे खेल चैनलों और रेडियो स्टेशनों को भेज सकते हैं।

नेटवर्किंग: कमेंट्री में करियर बनाने के लिए नेटवर्किंग भी बहुत ज़रूरी है। खेल कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है, खेल पत्रकारों से मिल सकते हैं और खेल संगठनों से जुड़ सकते हैं। इससे कमेंट्री के क्षेत्र में अवसरों के बारे में जानकारी मिल जाती है ।

अनुभव: कमेंट्री में अनुभव बहुत मायने रखता है। इसलिए छोटे-मोटे खेलों की कमेंट्री करके अपना अनुभव बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, स्कूल और कॉलेज के कार्यक्रमों में भी कमेंट्री करके अनुभव प्राप्त किया जा सकता है ।

आत्मविश्वास: एक अच्छा कमेंटेटर बनने के लिए आत्मविश्वास बहुत ज़रूरी है। अपनी आवाज, भाषा और ज्ञान पर विश्वास होना जरुरी है

कमेंटेटर को क्या क्या सुबिधायें मिलती हैं

आमतौर पर, मैचों के दौरान कमेंटेटरों के ठहरने और आने-जाने की व्यवस्था का जिम्मा ब्रॉडकास्टिंग कंपनी या स्पोर्ट्स चैनल का होता है जो मैच का प्रसारण कर रहा होता है।

ब्रॉडकास्टिंग कंपनी या चैनल: जिस चैनल पर मैच प्रसारित हो रहा है, वह कमेंटेटरों के ठहरने और यात्रा की व्यवस्था करता है। इसमें होटल बुकिंग, फ्लाइट टिकट और स्थानीय परिवहन(लोकल ट्रांसपोर्ट ) शामिल है।

मैच आयोजक: कभी-कभी मैच के आयोजक भी कमेंटेटरों के लिए आवास और परिवहन की व्यवस्था करते हैं, खासकर जब कोई बड़ा टूर्नामेंट या विशेष आयोजन हो रहा हो। कमेंटेटरों के साथ हुए अनुबंध में यह स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि उनके ठहरने और यात्रा की व्यवस्था कौन करेगा।

व्यवस्था में शामिल कुछ बातें:

  • होटल: कमेंटेटरों को अच्छे होटल में ठहराया जाता है जो स्टेडियम के पास हो ताकि आने-जाने में आसानी हो।
  • यात्रा: कमेंटेटरों के लिए फ्लाइट टिकट और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था की जाती है।
  • भोजन: कमेंटेटरों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की जाती है, जिसमें नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना शामिल है।
  • अन्य सुविधाएं: कमेंटेटरों को अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं जैसे इंटरनेट, टेलीफोन, और लॉन्ड्री सेवा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यवस्थाएं अलग-अलग मैचों और टूर्नामेंटों के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।

कमेंटेटरों को कितने पैसे मिलते हैं

शुरुआती स्तर पर, कमेंटेटरों को एक दिन के लगभग 35,000 रुपये मिलते हैं और जैसे जैसे अनुभव बढ़ता जाता है ये पैसे भी बढ़ते जाते हैं । अनुभवी और टॉप क्लास कमेंटेटरों को एक दिन के 6 से 10 लाख रुपये तक भी मिल सकते हैं

जिन कमेंटेटरों का अच्छा नाम होता है और सोशल मीडिया पर एक बड़ी फ़ैन फ़ॉलोइंग होती है वो बड़े-बड़े ब्रैंड के साथ भी जुड़े होते हैं और विज्ञापनों के ज़रिए भी कमाई करते हैं और कमेंट्री में अच्छा करने वाले कमेंटेटर आगे चलकर BCCI पैनल में भी शामिल होते हैं।

निष्कर्ष

कमेंट्री में करियर बनाना एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन यह बहुत रोमांचक भी है। अगर किसी में लगन, मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो वो एक सफल कमेंटेटर बन सकता है।

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