भारत की अंडर 19 की लड़कियाँ विजय रथ पर सवार हैं इन्होने लगातार दूसरी बार विश्व विजेता का ताज अपने नाम किया। आज खेले गए मुकाबले में वैसे तो वो जीत की प्रवल दावेदार थी परन्तु आज इस फाइनल मुकाबले को उन्होंने अपने प्रदर्शन से विपक्षी टीम को गली मोहल्ले की टीम की तरह पराजित कर दिया।
इस पुरे टूर्नामेंट में भारतीय शेरनियाँ अपराजित रहीं और इंग्लैंड को छोड़कर किसी टीम को 100 रन तक नहीं बनाने दिए। इस टीम ने बताया के बेसक महिला सीनियर टीमों में इस समय ऑस्ट्रेलिया का दबदबा हो परन्तु वो दिन दूर नहीं जब भारत पूरी तरह से वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करेगा।

दक्षिण अफ़्रीकी टीम किसी भी समय भारतीय टीम को चुनौती देती नहीं दिखी और ये मुकाबला भारतीय टीम ने 9 विकटों से अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट में भारत की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुरे टूर्नामेंट में केवल एक इंग्लैंड की टीम ही थी जो भारत के सामने 100 रन का आंकड़ा पार कर पाई।
ये मैच सेमी फाइनल था परन्तु ये मैच भी भारत ने 9 विकेट से जीत लिया। भारत की 3 स्पिनरों ने मिलकर पुरे टूर्नामेंट में 41 विकेट लिए इसमें भारत की ओपनर गोंगडी त्रिशा के 7 विकेट भी मिला लिए जाएं तो भारतीय स्पिनरों ने कुल 48 विकेट लिए हैं।
जिसमे वैस्नवी शर्मा के 17 विकेट, आयुषी शुक्ला के 14 विकेट, परुनिका सिसोदिया के 10 विकेट और गोंगडी त्रिशा के 7 विकेट शामिल है। आज के मैच में आयुषी शुक्ला और परुनिका सिसोदिया ने तो दक्षिणी अफ़्रीकी टीम को रनो के लिए तरसा दिया।
आज के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की जीत का केवल एक तरीका था
दक्षिण अफ्रीका के पास जीत का केवल एक रास्ता था। वो पहले बल्लेबाजी करती, स्कोरबोर्ड पर अच्छे रन लगाती और फिर भारतीय ओपनर को जल्दी आउट करती क्यूंकि पुरे टूनामेंट में भारतीय ओपनर ने मध्यक्रम तक बात पहुँचने ही नहीं दी।
इसी कड़ी में टॉस दक्षिणी अफ्रीका ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और उनका ये फैंसला सफल होता हुआ दिखा जब दक्षिणी अफ़्रीका की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली जेम्मा बोथा ने पहले ही ओवर में अपने तेवर दिखते हुए 2 चौके जड़ दिए।
लेकिन दूसरे ओवर में भारतीय कप्तान निकी प्रसाद अपनी स्पिनर परुनिका को लेकर आई और उन्होंने सिमोन लॉरेंस को पवेलियन भेज दिया। उसके अगले ओवर में जैसे ही सबनम ने जेम्मा बोथा को विकेट के पीछे कैच करवाया उसके बाद तो भारतीय स्पिनरों ने दक्षिण अफ़्रीकी टीम को एक एक के लिए तरसा दिया।

दक्षिणी अफ्रीका की पूरी टीम 20 ओवर में 82 रन पर आल आउट हो गई। यहाँ पर भारतीय कप्तान निकी प्रसाद की भी तारीफ करनी होगी क्यूंकि उन्होंने देख लिया था कि टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज वैस्नवी शर्मा आज उस लय से गेंदबाजी नहीं कर पा रही थी तो उन्होंने पहले बाकि गेंदबाजों के ओवर करवाए और बाद में उनको गेंदबाजी दी जिस से वो भी 2 विकेट लेने में सफल रही।
गोंगडी त्रिशा ने रनो के लिहाज से इस टूर्नामेंट में एक न्या कीर्तिमान स्थापित किया
त्रिशा ने आज 33 गेंदों में 44 रन बनाकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत ने 83 रनो का लक्ष्य 11.2 ओवर में 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया। त्रिशा ने 7 मैचों में 77.25 की औसत से एक शतक के साथ 309 रन बनाये और वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इन्होने अपने प्रदर्शन से मध्य क्रम पर कभी दबाब आने ही नहीं दिया।

इन्होने 309 रन बनाने के अलावा 7 विकेट भी लिए हैं। आज के मैच में भी इन्होने 15 रन देकर 3 विकेट लिए। ये महत्वपूर्ण मौकों पर बहुत शांत और स्थिर नज़र आई हैं और इस वजह से इन्होने भारत की सीनियर टीम का दरबाजा खटखटाया है।